kuch boondein...
कुछ बूँदें आई बलखाती हुई
शर्माती हुई मेरी पलकों से लिपटीं
कुछ हवा चली हंसती हुई
शरारत से मेरे गेसुओं से खेली
कुछ तपिष मिली
अब्र के बीच नाचती हुई
सूरज की किरणों की
मैने नज़रें उठाई
और दिल को मेघधनुष मिला.
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