Saturday, November 29, 2014

प्रत्याशा.... anticipation

 कुछ डर 
थोड़ी बेचैनी 
कुछ शर्म 
थोड़ी दबाई हुई ख़ुशी 

यह प्रत्याशा 
इस पावन लम्हे की 
दूध में पानी सी मिली हुई 

a little fear
a little anxiety
a little shyness
some barely-concealed excitement

This anticipation
of this beautiful day.... 
Like milk mixed with water...


Wednesday, November 26, 2014

New beginnings

जा मेरी नन्हीं परी 
अब तू पराई हुई 

go, my little angel
you are mine no more...



Monday, November 24, 2014

Khoj...aasmaan ki

कुछ मेरे पैरों के नीचे चक्कर हैं  
कुछ मेरे तल्वों के नीचे गुलिस्ताँ  
बस ज़मीं से फ़ासला है इनका 
क्यूंकि मै ढूँढूं अपने हिस्से का आस्मां ।

I'm bitten by the wanderlust
and I've walked among flowers
this distance between the earth and my feet exists
as I search for my piece of sky....




Sunday, November 23, 2014

Khoj...khushi ki

एक एक सींख से बनी रोज़ी मेरी 
एक एक तिनके से आशियाँ 
छोटी छोटी खुशियों से ज़िन्दगी मेरी 
नन्ही ज़िन्दगियों से मेरा नाम-ओ-निशाँ...

Each twig makes my livelihood
Each straw makes my home
Small joys make my life
Small lives make me.... 


Thursday, November 20, 2014

Khoj...zindagi ki

हर लहर की 
एक एक सिलवट में
उस हर सिलवट की 
गहराई में  
मेरी ज़िन्दगी का 
एक एक लम्हा, 
एक एक पन्ना मिला 

In each turn 
of every wave
and in the depth of each turn 
I found every moment, 

every chapter of my life

Wednesday, November 19, 2014

Life

यूं डूबा कुछ मैं 
तन्हाई मे जब 
बचपन की अठखेलियाँ 
हवा के झोंके सी 
इस व्यस्क, ऊबे  
दिल को अपनी मासूम हंसी से 
खिलखिला कर 
सहला गईं।

कुछ बचपन की अठखेलियां 
कुछ बड़े होने की तन्हाई 
बस इन्हीं की सोच में डूबा हुआ हूँ.… 

I was lost in loneliness
when memories of 
childhood joys
like a gust of fresh air
buoyed this older, bored heart
with their innocent laughter

Some memories of childhood
Some loneliness of being an adult
just lost in thoughts of the two...



Monday, November 17, 2014

Khoj...tumhari

यूं ढूँढूँ तुम्हे हर सू 
यूं बाटूं राह तुम्हारी 
अब खिड़की दरवाज़े बंद करने 
से लगता है डर। 

I look for you everywhere
I wait for you every moment
it scares me to close
my doors and windows now...




Wednesday, November 12, 2014

Khoj...aks ki

ज़हन में तरंगें 
तेरी यादों के आने से 
यह एहसास ही नहीं 
तू हर पल, हर सू 
मेरे साथ, मेरे आस पास है.... 


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